Taoism Philosophy of Happiness: जो है उसमें खुश रहने का राज खोलता है ताओवाद

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Taoism Philosophy of Happiness: ये चीजें मिल जाए तो खुशी मिलेगी। ऐसा होता तो प्रसन्‍न रहते, उनके पास इतना है पर हमारे पास इतना कम, खुशी इसलिए नहीं है। यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप अकेले नहीं। यह एक सामान्‍य मान्‍यता है। संतोष ही असली धन है, आज के समय आउटडेटेड बात हो गयी है। पर क्‍या इसके बावजूद खुशी मिल रही है? बेशक आप कहेंगे कहीं भी नहीं है खुशी। यह बस मान्‍यता है। यह एक माइंडसेट है। ताओवाद इसी मन की बात करता है।

क्‍या है ताओवाद

यह एक चीनी दर्शन है जिसके संस्‍थापक हुए लाओत्‍से। वह (Taoism Philosophy of Happiness) ब्रहमांड के साथ सामंजस्‍य पर जोर देने की बात करता है। इस दर्शन में खुशी एक प्रोसेस यानी प्रक्रिया व एक आजीवन की जाने वाली यात्रा है। यह बाहर के किसी वस्‍तु या कारकों पर निर्भर नहीं करती।

ताओवाद कहता है कि हमें यह जीवन हर हाल में बहाव के साथ जीना पर केंद्रित करना चाहिए। यही खुशी है। जो प्रकृति के साथ सामंजस्‍य बनाकर चलते हैं, उसमें हस्‍तक्षेप नहीं करते, वे खुश हैं। ताओवाद के अनुसार खुश रहना है तो कुछ बातें गांठ बांध लेनी चाहिए…

सरलता को गले लगाएं

सरल व सहज रहना, सबसे बेहतर तरीका है। इच्‍छाओं व अंतहीन चाहतों के बीच ऐसा रहना मुमकिन है? बेशक नहीं। आप सरल तभी रहेंगे जब दिनचर्या में संतुलन होगा। आपके पास (Taoism Philosophy of Happiness)  करने को बहुत कुछ होगा पर आपाधापी से अलग शांति‍ से वे सारे काम निपटाते जाएंगे। खुद को समझाएं कि सरलता में ही आनंद है। यह इतना कठिन नहीं जितना अब तक समझते रहे।

बहाव में रहना

हम जीवन के हर पक्ष को नियंत्रित करना चाहते हैं। ग्‍लानि भी होती है जब योजनानुसार कुछ घटता नहीं।इसका दोष स्‍वयं को देते हैं। बस तनाव का यहीं से जन्‍म हो जाता है। ताओ के अनुसार (Taoism Philosophy of Happiness) आपको खुश रहना है तो सबसे पहले किसी भी चीज (Stress Management) को नियंत्रित करने के बजाय मन को संयमित करें।

उसे समझाएं कि जो हो रहा है वह दरअसल, आपके नियंत्रण में नहीं है। सामने जो है उसे स्‍वीकार करना व बहाव में रहना ही खुश रहने का अच्‍छा तरीका है।

कोमल बने रहना

आपको यह बात अजीब लग सकती है पर कोमल और समय के अनुसार लचीले होना कमजोरी नहीं है। यह आपकी ताकत है। तूफान में अच्‍छा खास अडिग खड़ा एक लंबा पेड़ जो दिखने में ताकतवर भी लगता है वह सबसे पहले गिर जाता है। पर लचीली पतली सी डालियां भले तूफान में तेज तेज (Taoism Philosophy of Happiness) झूलती हैं।

हवा के झोंके में ऐसा लगता है कि वह टूट न जाएं पर टूटने की हद तक टिके रहना कोई उससे सीखे। यानी मजबूती लचीलेपन में कोमल बने रहने में है। समय के अनुकूल समायोजन करने की कला जो जानता है वह नकारात्‍मक परिस्‍थतियों में टूटता नहीं है। वह गरिमामय तरीके से उससे जूझता है व विजयी होता है।

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प्रकृति से सीखना

ताओवाद के अनुसार प्रकृति‍ हमारी अच्‍छी शिक्षक हैं। हम (Stress Management) उससे सीख लें तो कहीं जाने की जरूरत नहीं। वह हमारी जिंदगी का आईना है। वह पीले पत्‍तों को आराम से जाने देती है। समय पर हर काम करती है। स्‍वाभाविक लय में मौसम बदलता है। उसे कोई हड़बड़ी नहीं है।

उसमें एक अनुशासन है, स्‍वीकार्यता है जो हमें उससे सीखना है। इसके लिए हमें सबसे पहले प्रकृति‍ के निकट रहना होगा। शांत शीतल हवाओं में खुद को छोड़कर महसूस करें आप इसके साथ चलने वाले हैं। इसके विरूद्ध चलकर आप खुश नहीं रह सकते हैं।

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