Sleep Apnea Treatment: खर्राटा लेते हैं तो कराएं इलाज, बड़े जोखिम हैं इस राह में

Sleep Apnea Treatment: स्‍लीप एप्‍न‍िया से घबराना नहीं है, बदलनी है जीवनशैली। समय पर इलाज से यह बीमारी ठीक हो सकती है।

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Sleep Apnea Treatment
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Sleep Apnea Treatment: हमारे समाज में बड़ी अनदेखी रह जाती है कुछ समस्‍याएं। सेहत भी ऐसी चीज है। छोटी मानकर बड़े प्रभाव पैदा करने वाली चीजों को हल्‍के में लिया जाता है। जैसे कि खर्राटे लेना। बहुत कम लोग होंगे जो इसके बारे में जानते नहीं होंगे या इससे पीडि़त नहीं होंगे। स्‍वयं हो या घर के सदस्‍य यदि वे खर्राटा (snoring) ले रहे हैं तो संभव हो कि स्‍लीप एप्निया नामक बीमारी के चपेट में हों और उन्‍हें अच्‍छी नींद नहीं आती हो।

खर्राटा मतलब अच्‍छी नींद नहीं

बेशक खर्राटा आ रहा है तो इसका मतलब नींद में खलल है न कि अच्‍छी नींद। नींद को खर्राटे (snoring) से जोड़कर देखा जाता है पर यह एकदूसरे के दुश्‍मन हैं। यह एक ज्ञात तथ्य है कि अच्छी मात्रा में नींद और नींद की गुणवत्ता दिल, वजन, दिमाग और शरीर को लाभ पहुंचाती है। यह यानी नींद से हमारे शरीर की पूरी प्रणाली को सक्रिय रहती है।

ऑब्‍सट्रक्टिव स्‍लीप एप्निया

हमारा रोजाना का रवैया जैसे भोजन की आदतें और लगातार बैठे रहना, सक्रिय न रहना कुछ ऐसे कारक हैं जो नींद में बाधा डाल सकते हैं। खर्राटे के कारण नींद में खलल पड़ना एक आम समस्‍या बन चुकी है। बहुत से लोग इस समस्‍या से पीडि़त हो रहे हैं। इसे ऑब्‍सट्रक्टिव स्‍लीप एप्निया कहा जाता है।

क्‍या है स्‍लीप एप्निया

जब गले में सांस लेने का राह शिथिल हो जाती है। सोते हुए अचानक कुछ सेकंड के लिए सांसें रुक जाएं तो क्‍या होगा, कई बार तो यह दस सेकंड तक हो सकता है और व्‍यक्ति हड़बड़ाकर उठ बैठता है। यह एक खतरनाक चीज है जिसे लेकर सजग हो जाएं। ऐसे बार बार सांस रुकने से नींद में खलल स्‍वाभाविक है।

क्या लक्षण हैं?

स्‍लीप एप्निया में व्‍यक्तिको बेचैनी, पसीने आना, सुबह उठने में परेशानी, घुटन, जोर से खर्राटे (snoring) की परेशानी महसूस हो सकती है। उन्‍हें सुबह सिरदर्द, भूल जाने की परेशानी और उनींदापन का अनुभव हो सकता है। वे असंतुष्ट या चिड़चिड़े महसूस कर सकते हैं।

किसको है ज्‍यादा जोखिम

जो वजन पर नियंत्रण नहीं रखते, बुजुर्ग हैं, मधुमेह की समस्‍या है, वायुमार्ग जहां सांस की आवाजाही होती है उसमें कठिनाई है या वह संकीर्ण है तो उसके टांसिल या एडेनाइज की सूजन हो सकती है। इन सबके कारण स्‍लीप ऐप्निया की दिक्‍कत होती है। साथ ही जो अल्‍कोहल व सिगरेट का अधिक सेवन करते हैं और उच्‍च रक्‍तचाप से पीडि़त हैं वे भी इस बीमारी से जूझते दिखायी देते हैं।

नींद के कुछ उपाय करें

सबसे पहले वजन कम करने पर फोकस रहें। नियमित व्‍यायाम जरूरी है। नियम से सोने जाएं व जागें। सोने के समय बिस्‍तर पर और कोई कार्य न करें। स्‍क्रीन से दूरी बनाना बेहद जरूरी है, इस कारण नींद गंवा रहे हैं लोग और स्‍लीप ऐप्निया की मुसीबत आ रही है उनके पास। शाम के वक्‍त चाय काफी से भी दूरी बनाना चाहिए।

उपचार के लिए सीपैप AUTO–CPAP

स्लीप एपनिया के उपचार लिए चिकित्‍सक उचित जांच के बाद कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (AUTO–CPAP) की सलाह देते हैं। यह एक मशीन है जो नींद की गुणवत्‍ता को बेहतर करने में मदद करती है। सीपीएपी मशीन के नियमित इस्तेमाल करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होती है। डॉक्‍टर चाहें तो आपको फेस मास्‍क या नाक मास्‍क के भी सुझाव दे सकते हैं। यदि टांसिल या एडेनाइड की सूजन है तो उसका इलाज भी खर्राटे (snoring) के इलाज मे कारगर है।

 

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