Move on For Better Things: जीवन चलने का नाम, पर ऐसे मोड़ पर अपनी राह बदल लेनी चाहिए!

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Move on For Better Things:  हम कभी-कभी ऐसी स्थितियों में फंस जाते हैं, जहां से निकलना एक चुनौती लगती है। ऐसा लगता है कि हम अब उसमें बुरी तरह फंस चुके हैं अब निकल नहीं पाएंगे। या यह लगता है कि कैसे दूर जाएं यह तो खुद की हार होगी या क्षमता की परीक्षा होगी जिसमें हम असफल हो रहे हैं। पर नहीं, यह एक साहस भरा काम होगा। ऐसा कर आप अपनी जिंदगी की राह (Mental Health) आसान कर सकते हैं। यह आपकी मानसिक सेहत के लिए अच्‍छा है। मानसिक शांति‍ से कैसा समझौता!

आइए कुछ ऐसी स्‍थतियों के बारे में जानें जहां से दूर जाना ही सही है। दूर चले जाने का मतलब है उस समस्‍या को अनदेखा करना, उसके प्रभावों को मन पर न लेना और उस राह पर रुकना नहीं उससे आगे बढ़ जाना।

जब नौकरी आपको बोझिल लगने लगे

जिस नौकरी में आप हरदम दबाव महसूस करें, चिंता बनी रहे और आपको अपनी रचनात्‍मकता नहीं दिखाने का अवसर मिले तो उस जॉब का त्‍याग करना ही बेहतर है। आपको ऐसा करना अच्‍छा लगेगा आप महसूस करेंगे स्‍वतंत्रता का अहसास। हर सुबह खुद को दफ़तर के लिए खींचना पड़ता है तो वहां रहना आपके मानसिक सेहत (Mental Health) को भी खराब कर सकता है। जीवन खुश रहने नाम है यह इतना छोटा है कि यहां नाखुश रहकर ज्‍यादा दिन आप नहीं रह सकते।

जब इंटरनेट पर आप किसी झगड़े में जीतना चाहते हों

इंटरनेट पर झगड़ा, सच तो यह है कि ऑनलाइन की दुनिया में कोई झगड़े में जीतता नहीं। यहां बहस करने से कोई बात नहीं निकलती न ही इससे कोई मसला हल हो सका है। यदि आप इंटरनेट (Mental Health) पर विवाद में फंस रहे हैं तो बुद्धिमानी से काम लें वहां से हटना ही बेहतर है। व्‍यर्थ की ऊर्जा को बर्बाद करने से अच्‍छा है उस ऊर्जा को किसी रचनात्‍मक कार्य में लगाएं।

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जब अतीत की गलतियां को पकड़कर रखते हैं

हम सभी ने गलतियां की हैं। हम गलतियां करते ही रहते हैं। पर अतीत में किसी गलती को लेकर आज परेशान होना या उसे पकड़े रहना व्‍यर्थ है। इससे वह गलती न ठीक होती है न ही उससे होने वाले नुकसान की भरपाई संभव है। बस पकड़े रहना एक समस्‍या है, जिससे छुटकारा पाना है। यदि आप अपना समय पुरानी गलतियों (Mental Health) में खोकर बर्बाद कर रहे हैं तो अच्‍छा है कि खुद को माफ करें और उस ग्‍लानि से अपने को बाहर निकाल लें। जीवन की सुंदरता ही यही है हमेशा आगे की ओर देखना।

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जब आपको लगे कि आपका लाभ उठाया जा रहा

आप सोचते हैं कि आप इतना कुछ देते हैं पर बदले में कुछ मिलता नहीं तो यह अहसास परेशान तो जरूर करता है। चाहे रिश्‍ते हों या मित्र हर जगह आपको ऐसे अहसास मिलने लगे तो क्‍या करें। आपकी सहनशीलता (Mental Health) यहां काम नहीं करने वाली। यदि आपको लगता है कि आपके मूल्‍य को कम आंका जा रहा है तो वहीं अपनी सीमाएं तय करें। आपको बताना होगा कि आपके साथ कैसा व्‍यवहार किया जाए। यदि मूल्‍य को कम करके देखते हैं तो लाभ देने का भाव वहीं रोक देने चाहिए। उनको ही दें जो सम्‍मानपूर्वक आपके भाव को ग्रहण कर सकें।

जब आपके प्रयासों के बाद चीजें न बदलें

अंत-अंत तक प्रयास करने के बाद भी एक ऐसा प्‍वाइंट आता है जब कुछ बदलता सा न लगे तो अपनी ऊर्जा को बचा लेना चाहिए। ऐसे मामले में सही रहता है कि आप अब प्रयास करना बंद कर दें। बिलकुल यह आपकी हार नहीं है बल्कि आपको उस राह पर नहीं चलना है, बस इतना तय करना है। मंजिल (Mental Health) दूसरी तलाशनी है। हमेशा सोचें कि हर अंत एक नई शुरुआत है।

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