How to Live in Present Moment : पल में टिका रहे मन, तो तनाव को चुटकियों में हरा देंगे हम  

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How to Live in Present Moment : ‘ये पल उजाला है बाकी आगे अंधेरा है, जो भी है बस यही एक पल है’। यह एक सुंदर गीत के बोल हैं और सच्‍चाई भी है यही। पर यह गीत सुनने में तो अच्‍छा लगता है पर उस पर अमल करना एक टेढ़ी खीर माना जाता है। यकीन मानिए पल में जीना आ गया तो मतलब आपने जीवन को सचमुच जी लिया। अन्‍यथा बड़ा़ ही सहज है अतीत और और भविष्‍य में झूलते मन को बस तनाव और चिंताओं के हवाले कर देना।

कितने ही भटकाव यहां

आज जो सबसे बड़ी चुनौती है वह है टेक्‍नोलॉजी पर आधारित होता जीवन। मोबाइल फोन, टेबलेट आदि के साथ गुजरती जिंदगी में भटकाव इतना है कि पल में रहने का मन भी होता है तो यह सबसे कठिन (How to Live in Present Moment) लगता है। अजीब सी थकान हावी रहता है हरदम। कभी ईमेल चेक करना है तो कभी नोटिफि‍केशन के संगीत में फंसकर मन उनके बीच ही घूमता रहता है।

सूचनाओं के जाल में उलझा मन कैसे रहे एक जगह टिका हुआ। सवाल तो यही है। कल्‍पना करके देखें कि आप जो भोजन कर रहे हैं वह कितना स्‍वादिष्‍ट बना है, वही सब्‍जी जो पहले खाते थे, तो खुशी होती थी अब कोई प्रत‍िक्रिया नहीं होती, भोजन छोड़‍िए बालकनी में जो चिडि़या फुदक रही है वह एक समय में कितना खुश कर जाती थी आपको।

आज किसी बच्‍चे की मुस्‍कान पर नजर डालें, कितना हर्ष से भर जाता है मन पर उस हर्ष को थोड़ी देर तो महसूस कर लें, यूं ही क्‍यों जाने दें इस प्‍यारे अहसास को!

न फंसे विचारों की उलझन में

स्‍वयं से न जोड़ें हर विचार। यानी नकारात्‍मक विचार, नाराजगी या शंकाओं से भरे विचारों के प्रभाव में आकर खुद को गुस्‍से वाला या कुंठि‍त न मानें। परेशान न हो जाएं। ध्‍यान रहे आपका विचार आप नहीं हैं बस ये विचार मन में आने और जाने के लिए होते हैं। इनकी उलझन में फंसें। सकारात्‍मक विचारों से नाता जोड़ने का अभ्‍यास करें तो जरूर स्‍वयं को चिंताओं से दूर रख सकते हैं।

आपके पास जो है

जो साधन है वही आगे बढ़ने के लिए काफी हैं। आगे जो होगा वह आज के प्रयासों से ही होगा। आप जो आज कर सकते हैं बस उस पर टिककर रहना होगा। उसमें पूरी तरह (How to Live in Present Moment) डूब जाएं। सामने दीवार की दिख रही है या आसमान का रंग, उन्‍हें ही निहारें। जी भर के उनके बारे में सोचें न कि भविष्‍य के अनिश्चित रंगों के बारे में।

जो बहाव है बहते चलो

वर्तमान में जीने का एक अन्‍य  तरीका है जो पल का बहाव है (Mindfulness) उसमें बहना। जब यह होता है तो आप बहाव में जो सामने है उसे देखते रहते हैं। उस पर एकाग्र होते हैं। जब ऐसा नहीं होता तो आप पल के बजाय आसपास की तरफ देखते हैं, इंद्रियों के हवाले हो जाते हैं और अपना ट्रैक खो देते हैं। भटकाव के आते ही चिंताओं का दौर शुरू होता है। यकीनन तनाव का बड़ा कारण यही है।

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स्‍वीकार करें अनावश्‍यक संघर्ष नहीं

जब हमें कुछ परेशान रखता है तो यह स्‍वाभाविक है कि हम उससे बचकर निकलना चाहते हैं। इससे हम अनावश्‍यक घबराने लगते हैं। संघर्ष करने लगते हैं अपने आते जाते विचारों से। उसका परिणाम या भविष्‍य के बारे में सोचने लगते हैं। इन सबकी जगह पर बस उसे स्‍वीकार करना सही है जो पल में घटा है, आप देखेंगे यही खुशी देगी।

एक बार करके तो देखें यकीनन खुद को शाबाशी देंगे आप। यह मौका कई बार म‍िलता है, अब न गवाएं।

कुछ कारगर टिप्‍स (How to Live in Present Moment)

  • मांइडफुलनेस (mindfulness) या ध्‍यान का अभ्‍यास करें।
  • सांस पर ध्‍यान दें, इस क्षण में रहने का अभ्‍यास करें।
  • खुला मन रखें जो आपके साथ होता है उन्‍हें समाते चलें।
  • जो कुछ घट रहा है उसे तटस्थ होकर देखने का अभ्‍यास भी कारगर है पल में रहने के लिए।
  • विचारों में जब खो जाएं तो अपनी इंद्रियों को देखें कि उनके साथ क्‍या हो रहा है।
  • याद रहे कि आप सबकुछ नहीं जानते न सब पर नियंत्रण है।

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