Eating for Good Mental Health: खानपान का हमारे मानसिक स्वास्थ्य से सीधा संबंध है। कहते हैं जैसा अन्न, वैसा मन। पर मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखना हो या आपको डिप्रेशन की समस्या है तो फलों का नियमित सेवन करें। फल आपको भविष्य में मानसिक बीमारियों की चपेट में आने से भी बचा सकते हैं।
दिमाग की कार्यक्षमता बेहतर
अक्सर डॉक्टर हमें सामान्य सलाह में भी फल व ताजी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। वह यूं ही नहीं देते यह सलाह इसका ठोस कारण है। दरअसल, फलों में दिमाग की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने वाले कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
फलों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और डाइटरी फाइबर दिमाग की (Eating for Good Mental Health) कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में सक्षम होते हैं और दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ने से तनाव और अवसाद के लक्षणों में भी कमी आती है।
अगर आप अवसाद का शिकार नहीं हैं और फलों का नियमित सेवन करते हैं तो भविष्य में किसी भी प्रकार की मानसिक बीमारी की चपेट में आने का जोखिम भी काफी कम हो जाता है।
अध्ययन में भी हुआ खुलासा
हाल ही में लंदन के शोधकर्ताओं ने इस बाबत एक अध्ययन किया है। यह इस बात पर मुहर लगाता है कि फलों का सेवन करने से डिप्रेसन कम हो जाता है। ब्रिटेन की एस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं (Eating for Good Mental Health) ने कुल 430 वयस्कों पर अध्ययन के बाद पाया कि फल खाने वाले लोगों में मानसिक समस्य़ाएं काफी कम दिखीं जबकि, फल न खाने वालों में काफी अधिक।
शोध के दौरान देखने को मिला कि जो लोग नियमित या अधिक मात्रा में फल खाने वाले थे उनमें अवसाद का स्कोर कम आया जबकि, पैकेटबंद, तले-भुना ज्यादा खाने वाले लोगों में एंग्जायटी, तनाव और अवसाद जैसी समस्याएं बहुत ज्यादा देखी गईं।
इस निष्कर्ष पर रहे ध्यान
उक्त अध्ययन का निष्कर्ष यह आया कि जो लोग कम मात्रा में फल खाते हैं उनमें मानसिक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के दिनभर में फल, मीठा, सब्जियां और स्नैक्स खाने की आदतों और मात्रा का अध्ययन किया।
यह अध्ययन ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने दावा किया कि जो लोग नियमित फलों का सेवन करते हैं उनमें अवसाद घट जाता है। शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि प्रोसेस्ड, पैकेटबंद, तले-भुने या शुगर फूड्स (Eating for Good Mental Health) खाने वाले लोगों में आवश्यक पोषक तत्वों की भारी कमी हो जाती है जिससे आगे चलकर वह मानसिक रोगों का शिकार बन सकते हैं।
एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, फल हमारे शरीर में पानी की मात्रा का भी संतुलन बनाए रखते हैं जिससे भी अवसाद के लक्षण कम होने लगते हैं।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter, Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबर।