How to Boost Brain Power: इन दिनों यह शिकायत आम है। जिसे देखो कह रहा है कि जल्दी भूल जाता हूं। कभी कभी तो कुछ ही दिन मिले हुए इंसान का चेहरा याद रहता है पर नाम नहीं। यह सब उनमें भी होता है जो कम उम्र के होते हैं। पर जिनकी उम्र ज्यादा है उनके बारे में मान लिया जाता है कि भूलने की बीमारी या दिमागी क्षमता का कमजोर होना बढ़ती उम्र की देन है।
पर यह सच नहीं, आप चाहें तो इस कहावत को झुठला सकते हैं। बढ़ती उम्र में भी रह सकता है आपका एकदम चुस्त दिमाग (Boost Brain Power)।
खुराक दिमाग को
शोध बताते हैं कि आप दिमाग को जितना दिमागी गतिविधियों में व्यस्त रखेंगे उसकी क्षमता अच्छी होती जाती है। नई कोशिकाएं बनती हैं और बढ़ता जाता है दिमाग का लचीलापन (Boost Brain Power)।
इन गतिविधियों में किताबें पढ़ना, कोई नई चीज सीखना, दिमाग को उलझाने वाले खेल खेलना जैसे शब्द पहेली, सुडोकू आदि शामिल हैं। आप चाहें तो ड्राइंग, पेंटिंग या क्राफ़ट सीखकर दिमाग की क्षमता को बेहतर कर सकते हैं।
कसरत बनाएगा एकदम चुस्त
रिसर्च बताते हैं कि मांसपेशियों का प्रयोग कर आप दिमाग को चुस्त कर सकते हैं। जो लोग रोजाना कसरत करते हैं उनके दिमाग में आक्सीजन का अच्छा प्रवाह होता है। आक्सीजन का प्रवाह जितना अच्छा होगा दिमाग उतना स्वस्थ विचार से भरा होगा। (Boost Brain Power)
स्वस्थ विचार से आपके दिमाग की क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ ही कसरत से आपका रक्तचाप बेहतर होता है और कोलेस्ट्रोल सामान्य होता है। तनाव की कमी होती है।
आहार में सुधार
अच्छा पोषण मिले तो आपके दिमाग को भी पोषण मिलता है। इसलिए ताजे व मौसमी फल व सब्जियां खाएं। बादाम और स्वस्थ बसा का प्रयोग करें ताकि आपके शरीर के साथ दिमाग (Boost Brain Power) को भी भरपूर पोषण मिले और समय के साथ उसकी क्षमता कम न होने पाए।
पोषण को ध्यान में रखकर भोजन करेंगे तो गलत खानपान से दूर रहेंगे। भोजन के प्रति सजगता आपको कई बीमारियों से दूर रहेगी और दिमागी क्षमता भी उम्र के साथ कमजोर नहीं होगी।
रक्तचाप बेहतर करें
उम्र के मध्य अवधि में उच्च रक्तचाप का जोखिम रहता है। उच्च रक्तचाप से जो खतरा रहता है उससे दूर रहें। इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली ऐसा रखना होगा कि उच्च रक्तचाप का जोखिम न रहे। इसके लिए आपको खानपान का ध्यान ही नहीं व्यायाम पर भी ध्यान देना होगा। अल्कोहल लेते हैं तो इस पर नियंत्रण रखना भी इसके लिए जरूरी है।
ग्लुकोज का स्तर
डायबिटीज से डिमेंशिया का जोखिम रहता है। डायबिटीज लगातार हर उम्र के लोगों को अपनी गिरफ़त में ले रहा है। इससे बचाव के लिए प्रयास करें। प्रयास ज्यादा कठिन नहीं बस अपनी जीवनशैली को संयमित बनाना है।
दिनचर्या ऐसी हो जिसमें शारीरिक गतिविधियों को स्थान मिले तो आप इस बीमारी को हरा सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ दिमाग चुस्त नहीं है तो संभव है कि आप डायबिटीज या प्री डायबिटीज के नियंत्रण में हों।
एलडीलएल ज्यादा तो नहीं
एलडीएल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल को “खराब” कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह एक चिपचिपा पदार्थ है जो नसों को सुरक्षा देता है। जब एलडीएल की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, तो यह नसों की दीवारों पर जमने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह का मार्ग पतला हो जाता है।
यदि रक्त का थक्का बनता है और संकरे मार्ग में फंस जाता है, तो यह दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इस तरह दिल नहीं दिमाग को चुस्त रखना है तो आपको एलडीएल पर नजर रखनी होगी।
इमोशन की परवाह
जो लोग हरदम परेशान, अवसाद में रहते हैं, नींद की कमी से परेशान हैं, थके रहते हें तो इससे उनकी दिमागी क्षमता भी प्रभावित होती है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहने से आपका दिमाग भी रहता है एकदम चुस्त। इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी भावनात्मक स्वास्थ्य की परवाह करें।
सामाजिक बनें। लोगों से मिले जुलें। अपनी भावनाओं को व्यक्त करें। साथ ही अच्छी नींद जरूरी है इसे महत्व दें।
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