Mental Health Tips : मन बीमार हो सकता है तो यकीनन पूरी तरह ठीक भी!

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Mental Health Tips, World Mental Health Day
Mental Health Tips

Mental Health Tips, World Mental Health Day: यह वह मन नहीं है जो चंचल है और इसको पकड़ पाना या इसकी थाह पाना कठिन है। न ही यह वह मन है जो एक ऐसा भारी शैतान है जो इंसान के काबू में नहीं आ सकता। यकीन मानिए यह सब कहावतों वाली बातें हैं। मनोविज्ञान में जिस मन की बात होती है न वहां कहावतों वाले मन की नहीं, दिमाग की बातें होती है। वही दिमाग जिसे सही ढंग से प्रशिक्षित करना सीख जाएं तो इसे शांत व सृजनात्‍मक बना सकते हैं।

विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस (World Mental Health Day 10th October) पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि दिमाग को सेहतमंद बनाए रखने की चुनौती से कैसे निपटा जाए। आइए यहां समझें।

तन मन का साथ न टूटे कभी

जरा सोचिए, किसी अच्‍छे व्‍यक्ति से मिलकर आपको अच्‍छा लगा तो यह सूचना आपको कौन देता है!बिलकुल हमारा दिमाग। इसी तरह, कुछ अच्‍छा व स्‍वस्‍थ चीज खा ली  तो मन को भी अच्‍छा लगता है, यह कौन बताता है तो इसका जवाब भी दिमाग ही है।

बस यहीं से समझि‍ए कि तन-मन अलग नहीं एक है, एक दूसरे के लिए है। पर हम तन की (Mental Health Tips)  बीमारी की इतनी चिंता करते हैं अपने मन की नहीं, इसे उपेक्षित बना देते हैं। जबकि वास्‍तव में मन बीमार हो जाता है तो तन को भी ले जाता है बीमारी की ओर जीवन को तबाही की ओर।

मानसि‍क सेहत खराब होने के संकेत

दिमाग खराब हो जाता है मेरा, दिमाग काबू में नहीं रहता, दिमाग लगातार नकारात्‍मकता की ओर जा रहा है, ऐसा कहने व महसूस करने का अर्थ है कि आपकी सोच व कार्य में संतुलन नहीं है। इसे ही मानसि‍क सेहत (Mental Health Tips)  के खराब होने का संकेत मान सकते हैं। मानसिक सेहत खराब होना कोई बड़ी बीमारी की तरफ ही इशारा नहीं।

इसे आप त्‍वरित गुस्‍सा करना, छोटी सी बात को लंबे समय तक खींचते रहना, गाड़ी पार्किंग में सही से न लगे या सड़क पर किसी ने गलत बोल दिया तो झट बिफर पड़ना भी मानसिक सेहत खराब होने का संकेत हैं।

नहीं रहा दिमाग का लचीलापन

वो कहते हैं न कि इंसान परिस्थिति के अनुसार ढलना व आगे बढ़ना सीख जाए तो बहुत सुखी रहता है। इसे तकनीकी भाषा न्‍यूरोप्‍लास्टिसिटी कहते हैं। यह इसका स्‍वाभाविक गुण है। पर धीरे धीरे हमारा दिमाग ऐसा हो चुका है या हमने इसे ऐसे प्रशिक्षित कर दिया है कि किसी सिचुएशन में आकर उसके मुताबिक ढल पाना  हम (Mental Health Tips)  भूलते जा रहे। दरअसल, पिछले दस बीस सालों से हमने एक अलग दुनिया बना ली है यह दुनिया बाहर ही नहीं हमारे भीतर भी बसती है।

इस दुनिया में झांकने की इजाजत हम किसी को नहीं देना चाहते। आपसी भरोसा खो रहा है और हम अकेले हो रहे या महसूस करते रहते हैं। दिमाग पर इस बात का गहरा असर हुआ है क्‍योंकि इंसान कभी यूं अकेले रहने के लिए बना थोड़े ही है। वह सबके साथ ज्‍यादा खुश रहता है, स्‍वाभाविक खुशी वहीं है।

तन पर मन का असर

तनाव की वजह से रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कम हो जाती है और कई तरह संक्रमण होते हैं। जब आप लगातार किसी बात से परेशान रहते हैं, उलझन में हैं, उदास हैं, समाधान नहीं मिलता तो आपकी (Mental Health Tips)  नींद पर सबसे बड़ा हमला होता है। यहीं से शुरू होता है वह कुचक्र जिसे समय पर नहीं समझा गया तो यह बीमारियों को आमंत्रण देना शुरू करता है।

 

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नींद खराब होना मतलब, ज्‍यादा भूख, मोटापा, हाइपरटेंशन, स्‍ट्रोक, डाइबिटीज, डिमेंशिया व अनेक बीमारियों का अंतहीन सिलसिला। यह समझने के बाद यकीन कीजिए मानसिक सेहत का ठीक होना हमारे लिए कितना जरूरी है यह समझना आसान हो सकता है। यह हमारे सब कामों से ज्‍यादा जरूरी है। आज ही संकल्‍प लें कि मानसिक शांत‍ि चाहिए तो मानसिक सेहत को जरूरी मानेंगे और इसकी ओर बढ़ाएंगे कदम।

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इन बातों को गांठ बांध लें, मन की सेहत अच्‍छी रहेगी (Mental Health Tips)

  • खुली, स्‍वच्‍छ हवा और सूरज की किरणें, प्रकृति‍ का साथ न छूटे। हर दिन इनके साथ गुजारें।
  • कृतज्ञता का अभ्‍यास करें। यह ऐसा गुण है जो आपको विनम्र बनाए रखेगा और भीतरी शांति‍ महसूस होती रहेगी।
  • अपनी मजबूती और सीमाओं को जानें।
  • जिनके साथ रहकर आनंद मिले, खुलकर कुछ भी कह सकें। उनके साथ समय बिताएं।
  • परिवार में किसी से अनबन हो तो माफ करना और माफी मांगना आपकी सेहत के लिए अच्‍छा है।
  • सामाजिक मेलजोल जरूरी है, यह दिनचर्या में शामिल करें।
  • जीवन का लक्ष्‍य क्‍या है, इसे पहचानें।
  • सुबह से शाम वाली नौकरी की एकरसता भी एक बाधा है। इस जाल को तोड़े कुछ नया सीखें, नए शौक पैदा करें।
  • उम्र से अधिक जीवन को प्राथमिकता दें जहां आनंद का भंडार है इस नजरिया को बढ़ाएं।
  • वर्तमान पर एकाग्र रहने से आप अतीत व भविष्‍य के बीच झूलते रहने से उबर जाएंगे। भटकाव नहीं होगा न ही तनाव।
  • मन में कोई दुविधा हो तो उसे लंबे समय पालने के बजाय समाधान तलाशने की ओर बढ़ें।

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