Tips to Stop Overthinking: जब अपने ही विचार करते हैं छल! कहीं यह ओवरथिंकिंग तो नहीं

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Tips to Stop Overthinking: एक कविता सुनी होगी आपने। हिंदी साहित्‍य के चर्चित कवि शिव मंगल सिंह सुमन का लिखा हुआ। कवित थी- “हम पंछी उन्‍मुक्‍त गगन के पिंजरबद्ध उन्‍मुक्‍त गगन के पिंजरबद्ध न रह पाएंगे, कनक तीलियों से टकराकर पुलकित पंख टूट जाएंगे”…।

यानी यदि कोई स्‍वंतत्र (Tips to Stop Overthinking) न हो तो वह पराधीन रहकर नष्‍ट हो जाता है। इससे केवल निराशा हाथ लगती है। इसी तरह हमारे विचार हैं मन के। वे आते जाते रहते हैं आसमान मे उड़ते पंछी की तरह, उसे यदि हम पकड़कर रखेंगे तो वह पराधीन हो जाएगा, बेबस होगा और याद रहे आपका ही नुकसान होगा। सोच विचार अच्‍छी चीज है पर बहुत ज्‍यादा किसी चीज पर मंथन करना और करते चले जाना बीमार कर देता है।

हर विचार नहीं महत्‍वपूर्ण

विचार कई प्रकार के होते हैं। कुछ विचार काम के होते हैं तो कुछ यूं ही आते जाते हैं, ओवर थिंकिंग जब होने लगे तो व्‍यर्थ विचार आपको परेशान रखते हैं। यदि आप उसे पकड़कर उस पर चिंतन करने लगें तो समझिए केवल उर्जा नष्‍ट हो रही है।

वह ऊर्जा पर आप सकारात्‍मक व रचनात्‍मक विचारों में लगा सकते थे। इसलिए हर विचार पर चिंतन न करें उसे बस आता जाता हुआ देखें। भली भांति सोचना ठीक है पर लगातार एक ही विषय को लेकर सोचते रहना आपको दुविधा व संशय में डाल सकता है। बाद में यह एक बीमारी बन सकती है।

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कैसे होगा इसका समाधान (Tips to Stop Overthinking) !

समाधान के लिए यहां दिए गए कुछ बिंदुओं पर अमल करना कारगर है। एक बार इन पर गौर करें और इन्‍हें आजमा कर देखें।

-समस्‍या हरदम एक समस्‍या नहीं

99 प्रतिशत नुकसान आपके दिमाग में होता है। आपके और आपके विचारों ने रचा है यह उसकी देन होती है। 1 प्रतिशत नुकसान वास्‍तविकता की देन है जो हुआ है उसका परिणाम है।

-खुद को रिजेक्‍ट करने के विचार को अनदेखा करें

  • क्‍या आप यह नहीं सोच रहे कि आप इस अवसर के काबिल हैं? इसके बावजूद आवेदन करें।
  • क्‍या आपको लगता है आपका लिखा ठीक नहीं है? इसके बाद भी प्रकाशित करें।
  • क्‍या आपको लगता है वे आपको लगता वे आपकी मेल का जवाब नहीं देंगे, इसके बाद भी आप मेल भेजें।

कहने का अर्थ है कभी खुद को अनदेखा या अस्‍वीकार नहीं करें।

-शांति‍ और समय

बहुत सारे समस्‍याएं बहुत सारे विचार कर लेने से नहीं सुलझतीं यह थोड़े विचार से ही ठीक होती हैं। आप देखेंगे कि परेशान होने से आपको स्‍पष्‍टता नहीं मिलती जब दिमाग शांत होता है आप विचार खुलते जाते हैं और आप एक नई अवधारणा को सामने पाते हैं। आप कहते हैं कि सोचा नहीं था ऐसा होगा। पर यही सच है।

-एक महत्‍वपूर्ण सवाल

जब आप खुद की आलोचना करते हैं पुरानी किसी गलती को लेकर करते हैं या आपको लगता है हर तरफ आप संकट से घिर गए हैं तो सवाल पूछें। खुद से पूछें कि यहां कुछ ऐसा भी है जो आप बदल सकते हैं खासकर अतीत की कुछ गलती को या भविष्‍य को लेकर परेशान होने वाले विचार क्‍या आपके भविष्‍य को प्रभावित कर सकता है। बस यहीं जवाब मिलेगा। आप पाएंगे कि आज जो करेंगे बस वही कल को प्रभावित करेगा।

-वर्तमान की शक्ति

आपके पास बस अभी का पल है यह अच्‍छी तरह समझना होगा। अतीत या भविष्‍य के पास इतनी शक्ति नहीं। जो है बस यही एक पल है जब हम यह सोचना शुरू करते हैं तो वह विचार कार्य में भी आते हैं। इसके बाद बदलाव होता है जो आपको परेशान नहीं खुश करता है।

-अपने विचारों की जांच करें

आपके विचार दिमाग में सुंदर दृश्‍यों का निर्माण करते हैं तो भयानक दृश्‍य भी। आपको असुरक्षा, भय और डरावनी घटनाओ के काल्‍पनिक दुनिया में धकेल देते हैं। ऐसे नकारातमक विचार में गिरने से पहले खुद को थाम लें। उलझन भरे विचारों को मुक्‍त कर दें।

-स्‍वीकार करने में शांति है

आपकी चिंता भव्श्यि नहीं बदल सकती न ही आपकी ग्‍लानि अतीत पर कोई प्रभाव डालेगी। बस जो है जिस रूप में वर्तमान है उसे स्‍वीकार करने का‍ विकल्‍प ही आपको शांति‍ दे सकता है। इसलिए अनिश्चितता को स्‍वीकार करें। जो परफेक्‍ट नहीं उसे भी। भले ही आपको आराम नहीं मिल रहा उसे भी स्‍वीकार तो करें आपको फर्क दिखायी देगा। यकीन करें।

 -स्‍वास्‍थ्‍य आपके मन का खेल

आप जिम जाते हैं। अच्‍छा खाते हैं। योगा करते हैं। पानी पी रहे हैं बहुत ज्‍यादा पर यह सब फर्क तब सही रूप में डाल पाएगा जब विचार भी सकारात्‍मक होंगे। मन को दरकिनार कर या विचारों से बचकर आप कहीं नहीं जा सकते। यह आपका ही मन है, इसकी डोर आपके हाथ है इसे बेहतरी की ओर ले चलें। आपका स्‍वास्‍थ्‍य बस इसी पर टिका है। मन से अलग नहीं है तन।

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अंत में एक बात और

विचार को समझने के लिए (Tips to Stop Overthinking)  अभ्‍यास चाहिए। उसे पहचानने के लिए लिखें, उसे जांचे और ध्‍यान हटा लें। निरंतर अभ्‍यास से आप पाएंगे कि ज्‍यादा सोचने या ओवरथिकिंग की आदत अब बदल गयी है। यह काम खुद आपने ही किया है। खुद को शाबाशी देना अब न भूलें। यह भी बहुत जरूरी है।

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